कारणों से परे हटकर अगर कुछ बचा है तो वो तुम हो
तर्क और तथ्यों से परे हटकर अगर कुछ घटा है तो वो तुम हो ….
तुम दिवा -सव्प्न्न से!
पहले ही तर्क से ढेर हो सकते थे …
पर तुम नहीं हुए, अकारण जो थे
फिर भी मै लड़ी
जितने तीर तर्कों के थे मेरे तरकस में
सब तुम्हारे आस्तित्व के कारणों पे चला दिए
परन्तु एक भी तीर निशाने पे ना लगा
क्युकी ………
क्युकी कारणों से परे हटकर अगर कुछ बचा है तो वो तुम हो
-रचना