मेरे शब्द मेरे दिल में कही जम गये है
ना अब वो हिलते है ना कोई हलचल है उनमे
वो जिन्दा तो है पर मरे मरे से लगते है
जैसे जम गयी हो उन पे ढेर सारी बरफ
वो चाहते तो है .....
चीखते चिल्लाते इस मौन को तोड़ दे
पर वो बेजान है ,उनमे अब इतनी ताकत नहीं
कभी -कभी कोशिश भी करते है कि
इस मौन से गुजर कर बाहर आये
पर रास्ते में ही थक कर गिर पड़ते है
कि
मेरे शब्द खुद टूट गये है
मेरे मौन को तोड़ने कि कोशिश में ...........
ना अब वो हिलते है ना कोई हलचल है उनमे
वो जिन्दा तो है पर मरे मरे से लगते है
जैसे जम गयी हो उन पे ढेर सारी बरफ
वो चाहते तो है .....
चीखते चिल्लाते इस मौन को तोड़ दे
पर वो बेजान है ,उनमे अब इतनी ताकत नहीं
कभी -कभी कोशिश भी करते है कि
इस मौन से गुजर कर बाहर आये
पर रास्ते में ही थक कर गिर पड़ते है
कि
मेरे शब्द खुद टूट गये है
मेरे मौन को तोड़ने कि कोशिश में ...........
Wah kya baat hai. Bahut khub kaha hai aapne.
ReplyDeleteचीखते चिल्लाते इस मौन को तोड़ दे
पर वो बेजान है ,उनमे अब इतनी ताकत नहीं
कभी -कभी कोशिश भी करते है कि
इस मौन से गुजर कर बाहर आये
पर रास्ते में ही थक कर गिर पड़ते है
कि
मेरे शब्द खुद टूट गये है
Poignant.
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